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Friday, 6 September 2013

सिर्फ इंतजार तुम्हारा

सिर्फ इंतजार तुम्हारा




न  किसी से शिकवा हैं न  किसी से गिला
समंदर सी गहराई लिए बस जिये  जा रही  हू
 बस जिये  जा रही  हू                                                                      
सारे जज्बात मेरे बिखर गए
मन खामोश हैं  मेरा  ,
बस जी रही हु  सिर्फ  तुम्हारी   यादो के  सहारे
अब  कोई ख़ुशी नहीं
कब  मिलूंगी तुमसे
ये आस अभी भी दिल में  लिए
चल रही हू  कभी  तो समझोगे  तुम
मेरे मन की व्यथा
उस  लम्हे  का इंतजार  है अब तलक
सिर्फ इंतजार तुम्हारा 

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