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Monday 14 April 2014

WOMEN BLOG



  महिलाओ  सम्मान को बनाये रखना  होगा  


हमारा देश चाहे  कितनी भी  तरक्की  क्यू  न कर ले लेकिन कई जगह विशेषकर ग्रामीण  इलाको में  तो  महिलाओ की  स्थति में   विशेष   सुधार   नहीं हुआ हैं  ! महिलाए   पुरुषो के द्वारा प्रताड़ित की जाती हैं    और यौन हिंसा का शिकार तो अभी भी हो रही हैं  !  लड़कियों को आगे पढ़ने नहीं दिया जाता हैं   जल्दी उम्र में  उनकी शादी कर दी जाती हैं !   स्त्री की  पसंद और  नापसंद  कोई मायने नहीं रखती   !गाँवों   में  तो स्त्रियों पर   फैसले थोप दिए जाते हैं  और उन्हें इसका  पालन करना ही होता हैं  !  इसलिए हमे  ग्रामीण इलाको  में  स्त्रियों की शिक्षा  पर  ध्यान देना होगा  !   जाति  और धर्मो  में  बटा  हमारा समाज कितना क्रूर हो गया हैं     ! समाज में   व्यक्तिगत और   नागरिक अधिकारों का  हनन होता हैं   लड़का  और  लड़की को  अपनी पसंद से  शादी नही  करने दे जाती !      अगर  लड़का और लड़की अपनी पसंद से   शादी कर भी लेते हैं तो समाज    उनको  सजा देने में  आमादा हो जाता हैं   !!गाँवों को  छोडो   शहरों  में  भी  हालत में   कोई  सुधार   नहीं हुआ  हैं  !     बेटिया  न घर  में   सुरक्षित रह गई  न   बाहर  !    आज  महिलाए और   लडकिया   कार्य स्थल   पर असुरक्षा  की   वजह से   प्रतिभाशाली होते हुए भी काम  नहीं कर पा रही जो बेहद शर्मनाक हैं   !  आज पुरुषो की   महिलाओ के प्रति सोच बहुत संकीर्ण हो गई हैं   !   हम महिलाओ को एक होना होगा  और  पुरुषो  की सोच में   बदलाव लाना होगा   !    महिलाओ के  प्रति पुरुष की सोच में  बदलाव लाये   बिना  स्वस्थ समाज का निर्माण  संभव नहीं हैं  !    केवल कानूनी उपचार से ही समाज को बदल पाना संभव नहीं हैं   !    महिलाए   पिंजरे में  कैद होकर न रह जाए   इसलिए    महिलाओ की   स्थति  मैं  सुधार  लाना बहुत जरुरी हैं   ! यह  बात सही हैं कि  प्रितसत्तात्मक  परिवार  में   बचपन से ही   लड़कियों की जिस तरह से   परवरिश की जाती हैं स्त्री पुरुष के लैंगिक   भेद की बात करते हुए सामाजिक भेद कायम  किया जाता हैं  !   उससे समस्या जटिल हो रही हैं !   फ्रान्सिस दार्शनिक ने लिखा हैं  कि स्त्री जन्मती नहीं हैं बल्कि बनाई  जाती हैं जिसका   प्रतिबिम्ब उन भूमिकाओं में  भी नज़र आता  हैं  जो  बचपन से उसे    सौपी  जाती हैं  !  दरअसल  मुश्किल  यह है कि  स्त्री चाहे कामकाजी   हो या घर को  संभाल  रही हो  दमन   और घुटन  वो हर   पल महसूस   कर रही   हैं  ! महिलाओ को खुद भी जागरूक होने की जरुरत हैं   ! आज महिलाए खुद लिंग परिक्षण में   लिप्त पाई जाती हैं  !  नारी   कमजोर नहीं  है वो शक्ति का पर्याय हैं  ! नारी सुरक्षा  के लिए केवल कठोर कानून बनाने से   कुछ   नहीं होगा  जब   तक लोगो को  इसकी जानकारी नहीं होगी या   महिला सुरक्षा  कानून पर   अमल नहीं किया जायेगा !   हर महिला को सशक्त बनना  होगा   तानिगाग कि कोई भी पुरुष उसकी तरफ गलत    निगाह  से न देख सके  महिला और  पुरुषो  को  समान  अधिकार देना होगा  !  और सबसे बड़ी बात  बेटा   और बेटी को   समान   समझना होगा !     पुरुषो को   स्त्रियों को  समाज में   सम्मान   देना ही होगा  जिसकी वो  हकदार हैं    !   जरुरत  हैं इस दकियानूसी  समाज को बदलने की स्त्री  को खुद के लिए आधा हक़   मांगने  की जरुरत ही  न रहे  !  स्त्री को अब अपनी जमीन   खुद  ही  तय  करनी होगी  !

किसी ने लिखा हैं   …  

मोम   के पथ से गुज़र के  जाना था और  सूरज ही मेरा साथ निभाने आया  !

नारी के बारे में  यह सच प्रतीत  होता हैं  क्युकि  नारी  के सामने अब भी कई  मुश्किलें हैं जिसका  उस सामना  करना  हैं !  नारी का होंसला बुलंद  हैं उसे आसमा   छूने   की चाह हैं  !  एक दिन उसके सपने  हकीकत में  जरूर बदलेंगे !  

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