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सामाजिक ताने बाने में बिखराव और एकल परिवार के कारण उभरी सामाजिक विक्रतियो दुनिया के देश अब संयुक्त परिवार की अहमियत को समझने लगे है !तेजी से बढ़ते अपराध बच्चो में सहनशीलता का अभाव, कुंठित युवा पारिवारिक संबंधो में बिखराव् , मानसिक अवसाद और आत्म हत्या के बढ़ते ग्राफ़ ने समाज चिन्तको को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर का दिया है ! आज हम ये देख रहे है कि आज का युवा काम के बोझ से तनाव में डूबा और महंगा आवास की वजह से लिव इन ओपन रिलेशनशिप की तरफ बढ़ता जा रहा है ! इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे है !नोकरी की वजह से घर छूटता है ! चाह कर भी कोई संयुक्त परिवार में कैसे रह सकता है ! बड़े शहरो में विकसित होती काल सेंटर संस्कृति भी भारत को प्रभावित कर रही है ! सामाजिक पहचान पर आज आर्थिक पहलू ज्यादा प्रभावी हो गया है ! साथ ही टीवी पर प्रसारित हो रहे धारा वाहिक सामाजिक संबंधो को प्रभावित कर रहे है ! जब पैसा होता है तो व्यक्ति स्वतंत्र होना चाहता है लेकिन मुश्किल पड़ने पर उसे संयुक्त परिवार याद आता है !
सामाजिक ताने बाने में बिखराव और एकल परिवार के कारण उभरी सामाजिक विक्रतियो दुनिया के देश अब संयुक्त परिवार की अहमियत को समझने लगे है !तेजी से बढ़ते अपराध बच्चो में सहनशीलता का अभाव, कुंठित युवा पारिवारिक संबंधो में बिखराव् , मानसिक अवसाद और आत्म हत्या के बढ़ते ग्राफ़ ने समाज चिन्तको को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर का दिया है ! आज हम ये देख रहे है कि आज का युवा काम के बोझ से तनाव में डूबा और महंगा आवास की वजह से लिव इन ओपन रिलेशनशिप की तरफ बढ़ता जा रहा है ! इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे है !नोकरी की वजह से घर छूटता है ! चाह कर भी कोई संयुक्त परिवार में कैसे रह सकता है ! बड़े शहरो में विकसित होती काल सेंटर संस्कृति भी भारत को प्रभावित कर रही है ! सामाजिक पहचान पर आज आर्थिक पहलू ज्यादा प्रभावी हो गया है ! साथ ही टीवी पर प्रसारित हो रहे धारा वाहिक सामाजिक संबंधो को प्रभावित कर रहे है ! जब पैसा होता है तो व्यक्ति स्वतंत्र होना चाहता है लेकिन मुश्किल पड़ने पर उसे संयुक्त परिवार याद आता है !
2 comments
Write commentsलाजवाब सटीक प्रस्तुति | आभार
Replyकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
thnx tushar raj ji abhar apka
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