लेखन एक सुखद अहसास ..

                           लेखन   एक   सुखद अहसास ..

 मै  अपने  को खुश किस्मत   समझती हु  कि    लिखने   मे  रूचि   रखती हु   ! मुझे लिखना पसंद  है ! को   लेखकों पर खुद को दोहराने का आरोप कुछ ज्यादा ही लगाया जाता है !  कई बार दिमाग मई नए विचार आते है फिर भी  पुरानी विषय वस्तुएँ  भी बनी रहती है !लेकिन सबसे जरुरी है कि  लिखते रहा जाये    !दुनिया को सतर्क नज़रों से देखा और सुना जाये  !हम अपने कौशल   पर जितना काम  करेंगे उतनी ही  प्रतिभा निखरती चली जाएगी ! मेरे लिए  लिखना सबसे सरल  काम और सबसे बड़ा सुख है !किसी मनोभाव और विचार को शब्दों मे  व्यक्त कर पाना एक  ऐसा  हुनर है जिससे मे  बहुत प्यार करती हु !  मै  लिखने के लिए अपने व्यस्त समय  से भी थोडा टाइम  निकल लेती हुं  क्युकि इससे मुझे ख़ुशी मिलती है  ! मेरा ब्लॉग है जिसमे मै  अपने दिल की छोटी  छोटी  बाते भी लिख  देती हू  ताकि लोगो तक  मेरे व्यू पहुचे   ! चाहे छोटी से कविता हो , बड़ी कहानी हो ,  पेरेग्राफ़  हो  निबब्ध हो या कोई लेख हो  ये सब लिखती हु तो दिल को सुकून मिलता है !  मेरे   घर  का हर कोना  या चहल पहल से भरी सड़क  हर  जगह   लोगो  , द्रश्यो,  विचारो से  से भरी पड़ी है    मै उस गुजरते लमहे को हमेशा    थामने  के लिए  उसे लिख लेती हु !  मेरे लेखन मई मेरी जिन्दगी के आँसू    मुस्कुराहट   समाये   हुए  है !  अगर    मुझे लिखने की  नहीं होती तो जीवन मेरे लिए  असहनीय  हो जाता है !और   एसा  भी नहीं है की मेरे द्वारा  लिखी गयी हर चीज  सहेजने  लायक  ही  हो !  हमारे विचार एकदम स्पष्ट होने चाहिए और शब्द साफ़  पानी की   धारा  की तरह बहने  चाहिए यह सच है की हमे  अनेक   बाधाओं का सामना करना पड़ता है लेकिन उनसे हम किसी  तरह जूझ ना सीखते है !यदि लिखते समय हमारी गति किसी गंदले पानी की  तरह सुस्त  पड   जाये तो बेहतर यही होगा की हम    वही  पर  रुक जाये !लेखन को बार बार अपने स्रोत  .अपने उद्गम की और   लौटकर  जाना पड़ता है   ताकि  वह  अपने स्पष्ट विचारों को फिर से   पा  सके   ! लिखते समय मुझे अपने लिए एक साफ नदी चाहिए !  लेकिन लेखन के लिए स्पष्ट विचार और शब्द सम्पदा के साथ ही  अच्छे  मूड  की भी जरुरत होती है   महान  लेखक वही होते है जिन्हें अपने शब्दों को अहसासों  मे  पिरोने का   हुनर आता है ! बहुत से लेखक एक  सुरक्षित भविष्य की चिंता मे   जीवन  से समझौते कर लेते है !लेखक की ज़िंदगी पर कभी पकड़ ढीली नहीं होनी चाहिए 
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4 comments

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27 October 2012 at 02:56 delete

likhna to sabhi jante h par kya likhna chahiye ye aap jaise kuch khas persan hi jante h. thank you neera ji lekhan ke bare me sundar vichar likhne ke liye

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Unknown
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2 November 2012 at 00:52 delete

WOW JAISINGH JI THANX A LOT FOR COMMENT ..SO NICE OF U ..U R A GOOD WRITER READ IN DAILY NEWS YOUR ARTICLE ALWAYS ..

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Unknown
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19 July 2013 at 12:18 delete

Mene to neeraji sab post deka jo lika he vo la jvab he aapki klm me dam he jo ak dsa or disa bdlti he
thenkiyu Neeraji

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Unknown
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21 July 2013 at 03:13 delete

thanx yasnaram ji

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