तन्हाई

तन्हाई

तन्हाई मैं क्यों सदा तन्हा रही खुशियों से महरूम रही रुसवा रही हर पल दर्द से बोझिल रही मैं' पलकों में आंसू रहे सदा ना कोई हमसफ़र ...