सिर्फ इंतजार तुम्हारा

सिर्फ इंतजार तुम्हारा न  किसी से शिकवा हैं न  किसी से गिला समंदर सी गहराई लिए बस जिये  जा रही  हू  बस जिये  जा रही  हू              ...

सपने

सपने  सात  रंग  के सपनो   से  कैसे   निकलू नहीं निकल पाती  ! सरल  नहीं रहा  मेरे लिए अपने  सपनो  से दूर  होना मेरे  सपने  मुझे ...

नारी चाहे खुला आंसमा

नारी चाहे खुला  आंसमा                                                          स्त्री का जीवन उसका ही नहीं बल्कि कई मायनों  मे उसके ...

नारी समाज का अतीत , वर्तमान और भविष्य

नारी समाज का अतीत , वर्तमान और भविष्य        किसी संस्कृति को  अगर समझना  हो तो सबसे आसान तरीका हैं कि हम उस संस्कृति मे...