शिक्षक

शिक्षक

   शिक्षक शिक्षकों को आज यह सोचने की जरुरत है कि वो सचमुच इन सम्मानों और प्रशंसा के अनुकूल बनकर  विद्यार्थियों को राष्ट्र कर्ताव्यनिष्ट , ई...

 मकर   संक्रांति         जयपुर में  पतंग और मंजा

मकर संक्रांति जयपुर में पतंग और मंजा

      मकर   संक्रांति         जयपुर में  पतंग और मंजा त्यौहार के देश का एक और त्यौहार है मकर संक्रांति  ! यह त्यौहार देश के हिस्सों मैं अलग...

रिश्ते

                                                             रिश्ते आज हम भोतिक्तावादी एवं  अर्थिक  युग मे एक प्रतिस्पर्धा के रूप में अपम...

    अपनी बात

अपनी बात

         अपनी बात एक आदमी का निर्माण किसी के सहारे  या  सुविधाओं से नहीं बल्कि बाधाओं और विपत्ति यों से होता है ! मेरे  जीवन की शुरुवात ...

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मायने क्या है ?

    अभिव्यक्ति की   स्वतंत्रता  के मायने क्या है ? अभिव्‍यक्‍ित की स्‍वतंत्रता अपने भावों और विचारों को व्‍यक्‍त करने का एक राजनीतिक अधि...

कन्या भ्रूण हत्या , बदले सोच

        कन्या भ्रूण हत्या   ,  बदले सोच आज हम आये दिन कन्या  भ्रूण  हत्या के बारे  मे  रात  दिन खबरे पढ़ते और  सुनते रहते है ! अहिंसा सब...

महिला उत्पीडन

              महिला  उत्पीडन आज महिलाओ की ये हालत हो गई  है की वो घर या  बाहर  कही भी  सुरक्षित नहीं रह गयी ! खुली आँखों से भविष्य के सपन...

स्त्री मेरी एक कविता

         स्त्री     मेरी एक कविता                                                         नारी  क्या है  दैवी है  शक्ति है सबला है सौं...

कविता प्यार

       कविता          प्यार क्या  प्यार  इतना  प्यारा होता है राह    दिखता हुआ विश्वास जगाता हुआ आशा और उम्मीद बनके जीवन मे सहारा...

जिंदगी

                                                 जिंदगी  जिंदगी मै तुमसे क्या कहू तुमने कितने रंग मुझमे भर  दिए नया विश्वास दिया, नया अहस...

अपने

                                                             अपने बचपन मे किसी को नाराज कर देते थे तो गले मे बांहे डालकर  मनाते थे  लेकि...

संवेदना

                                                                       संवेदना  क्या करू इन संवेदनाओ का  इन अहसासों  का जो मेरे दर्द को ...

लोकतंत्र

                                            लोकतंत्र यदि हमारा लोकतंत्र  गलत दिशा मे जा रहा है तो उसे सही दिशा देने का दायित्व किसका है...

लिखने से मिलता है सुकुन

          लिखने से मिलता है सुकुन मे लिखने को कभी अपने आप  से रोक नहीं पाई क्युकि लिखने से मुझे सुकून मिलता है या यू कहो की हालत की बेच...

लेख आज कि स्त्री - बदलती सूरत !

                   लेख            आज  कि स्त्री - बदलती सूरत  ! स्त्री के बारे मे साहित्य मे इतना  लिखा  गया कि शब्द कम पड़ गए ! स्त्र...