मेरी एक कविता जीवन पर
मुश्किल है इस जिन्दगी मे अच्छा , करना , निभालेना रिश्तों को ,
इस युग मे चारो तरफ अंधकार है , हाहाकार है
छोटा सा जीवन है ये ,कभी सुख कभी दुःख
दोनों संग साथ चलते , कभी मन को छलते
कभी मज़बूरी .कभी लाचारी
क्या है ये जीवन ,इस जीवन मे क्यों होता ये सब
न चाहकर भी सब करना पड़ता है ,सहना होता है
तब कैसे रहे खुश जीवन मे
कैसे करोगे मित्रता जीवन से !
इस युग मे चारो तरफ अंधकार है , हाहाकार है
छोटा सा जीवन है ये ,कभी सुख कभी दुःख
दोनों संग साथ चलते , कभी मन को छलते
कभी मज़बूरी .कभी लाचारी
क्या है ये जीवन ,इस जीवन मे क्यों होता ये सब
न चाहकर भी सब करना पड़ता है ,सहना होता है
तब कैसे रहे खुश जीवन मे
कैसे करोगे मित्रता जीवन से !
2 comments
Write commentskitne rang h ziwan ke ye ajab kahani h, kuch mile to kuch kho jaye reet ye purani h , kisko kya mila h yaha sab apni apni kismat ki kahani h, zindagi se dosti to har kisi ko har haal me nibhani h, our ye duniya to yu hi aani jani faani h .
Replywaaaaah jaisingh ji thanx a lot
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