संवेदनशीलता
वो संवेदनशीलता ही है जो हमे पशुओं से अलग रखती है ! यह सोच समझकर सच के पक्ष मे खड़ा होने की ताकत देती है जो व्यक्ति जितना अधिक संवेदनशील होगा वो सही मायने मे दूसरे के दुःख दर्द को समझे गा ! उसमे शामिल होगा वो सही मायने मे इन्सान है ! संवेदनशील इन्सान ही अन कही बातों को समझ पता है ! एक संवेदनशील मनुष्य अपनी आंतरिक भावनाओं को लेकर अधिक सजग रहता है ! यही कारण है की किसी भी लेखक संगीतकार या अन्य कलाकार मे संवेदनशीलता कूट कूट कर भरी होती है ! ये अधिक भावुक होते है ! ऐसे लोगो के कला और संस्कृति के क्षेत्र मे नाम रोशन करने की संभावना अधिक होती है ! भावुक लोगो के पास जिंदगी जीने का जो नज़रिया होता है वो दूसरे लोगो के पास नहीं होता !
वो संवेदनशीलता ही है जो हमे पशुओं से अलग रखती है ! यह सोच समझकर सच के पक्ष मे खड़ा होने की ताकत देती है जो व्यक्ति जितना अधिक संवेदनशील होगा वो सही मायने मे दूसरे के दुःख दर्द को समझे गा ! उसमे शामिल होगा वो सही मायने मे इन्सान है ! संवेदनशील इन्सान ही अन कही बातों को समझ पता है ! एक संवेदनशील मनुष्य अपनी आंतरिक भावनाओं को लेकर अधिक सजग रहता है ! यही कारण है की किसी भी लेखक संगीतकार या अन्य कलाकार मे संवेदनशीलता कूट कूट कर भरी होती है ! ये अधिक भावुक होते है ! ऐसे लोगो के कला और संस्कृति के क्षेत्र मे नाम रोशन करने की संभावना अधिक होती है ! भावुक लोगो के पास जिंदगी जीने का जो नज़रिया होता है वो दूसरे लोगो के पास नहीं होता !
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