न्यायपालिका में सुधार हो
आज हमारी न्याय पालिका की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है कि वो प्रजातंत्र की रक्षा करे !क्यूकि सरकार अपनी मनमानी कर रही है ! आम लोगो का लोकतंत्र पर से विश्वास उठ गया है ! कानून तो बने होते है पर समय पर लोगो को न्याय नहीं मिल पाता अपराधी निरंकुश हो जाते है ! और वो बच निकलते है न्यायपालिका को जन हित के मामले की स्वय ही देखना होगा और ठोस कार्यवाही करनी होगी ! 2011 में देश में बलात्कार की जितनी भी घटनाए हुई उनमे से एक का भी न्यायिक फैसला अभी तक नहीं आया है !इसका कारण हमारी न्यायिक प्रक्रिया का धीमा होना है ! न्याय व्यवस्था मैं देरी ही अपराधियों को बचा लेती है ! महिला उत्पीडन एक सामाजिक कलंक है नारी की दुर्दशा हो रही है ये किसी आतंक वाद से कम नहीं है हमारे समाज का नेतिक पतन हुआ है जिस नारी ने सम्पूर्ण जगत को शक्ति दी वो ही महिलाओ की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की जरुरत है ! विशेष अदालतों में ऐसे मामलो में निश्चित अवधि में फैसला भी सुना दिया जाना चाहिए ! सरकार जब तक देश की न्यायिक प्रक्रिया को सुद्रढ़ और सक्षम बनाने का बीड़ा नहीं उठाती जब तक बलात्कार जैसे अपराधो में कमी लाना मुश्किल भरा काम है !कठोर दंड ही एक मात्र उपाय है ! जिसके माध्यम से अमानवीय अपराधो को कम किया जा सकता है ! समय रहते सरकार को और न्यायपालिका को ऐसे जघन्य अपराधो को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने होंगे
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