सोशल मीडिया
आज संपूर्ण विश्व मैं एक अरब से भी ज्यादा लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं !यह सच हैं कि दुनिया का हर छठा व्यक्ति आज सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा हैं ! वर्तमान में यह सोशल मीडिया लोगो की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का माध्यम बन गया हैं !
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं ! वह दुसरो के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहता हैं ! लेकिन वर्तमान के तकनीकी युग में इसका सबसे आसान तरीका सोशल नेटवर्क साइट्स जैसे फेस बुक ट्विटर हैं जो आज हमारे युवा वर्ग व बच्चों के लिए प्राथमिक जरुरत बनता जा रहा हैं ! आज राजनीतिक पार्टियाँ भी अपना प्रचार इन सोशल साइट्स के जरिये ही कर रही हैं ! किसी भी घटना विशेष की जानकारी इन सोशल साईट्स के जरिये ही पल भर में मिल जाती हैं ! सोशल मीडिया का उपयोग करने वालो की संख्या विश्व में तेजी से बढ़ रही हैं ! इसका प्रभाव भी लोगो के आपसी व्यवहार ओर संबंधों के बदलाव के रूप में साफ़ दिखाई दे रहा हैं ! मेरा ये मानना हैं कि जहा सोशल मीडिया ने सकारात्मक भूमिका अदा की हैं वही पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं ! देखा जाये तो बाबा राम देव तथा अन्ना हजारे के आन्दोलन को सोशल मीडिया के समर्थन से भरी जनसमर्थन मिला हैं ! दिल्ली में हुए गैंग रैप कांड में जागरूकता फैलाने में सोशल मीडिया ने प्रमुख भूमिका निभाई हैं ! आने वाले चुनाव में जनमत विकसित करने में सोशल मीडिया की प्रमुख भूमिका र रहेगी ! ! आज सोशल मीडिया ने युवा वर्ग को बहुत प्रभावित किया हैं ! नेटवर्किंग की सभी साइट्स युवाओं के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं ! फेस बुक और ट्विटर खबर देने और बिना देरी के सूचना प्राप्त करने में अहम् भूमिका निभा रही हैं ! ये सोशल नेटवर्किंग एक दुधारी तलवार की तरह हैं ! एक तरफ ये युवाओं के लिए नई जानकारी का स्रोत हैं तो दूसरी तरफ ये युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से भी प्रभावित कर रही हैं ! फेस बुक और ट्विटर को नशीले प्रदार्थो की तरह व्यसनकारी पाया गया हैं ! जहा पर देखो वही पर हर आयु वर्ग के लोग मोबाइल पर व्यस्त दिखाई देते हैं ! देखा जाये तो सोशल मीडिया की वजह से ये एकाकीपन के शिकार हो गए हैं ! अपने परिवार और अपनों से अलग होते जा रहे हैं जो उचित नहीं हैं ! इनका समाज और परिवार के प्रति प्रेम कम होता जा रहा हैं ! सोशल नेटवर्किंग की वजह से युवाओं में मानसिक अवसाद और आत्म हत्या भी निरंतर बढती जा रही हैं ! साइबर अपराधों को भी बढ़ावा मिला हैं ! समय की बर्बादी ओर स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं ! युवा वर्ग ने इस सोशल साइट्स पर अपने आप को सीमित कर लिया हैं ! माता पिता को बच्चों को सोशल साइट्स का उपयोग करने में समय निर्धारित करना होगा तथा व्यवहार पर नजर रखनी रखनी होगी कि पर अपने परिवार और अपनों से अलग तो नहीं हो रहे हैं !शोध बताते हैं कि छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं के पीछे पोर्नोग्राफी साहित्य तथा मोबाईल का बड़ा योगदान हैं ! सोशल मीडिया का दुरुपयोग होता हैं तो इससे भारतीय समाज और संस्कृति को बड़ा खतरा खड़ा होगा ! हमारे देश के भावी कर्णधार युवा वर्ग सोशल साइट्स की वजह से हो रहे हैं !समय रहते हुए सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव पर अंकुश लगाना होगा ! नहीं तो युवा पीढी के भविष्य को सही दिशा नहीं मिल सकेगी
आज संपूर्ण विश्व मैं एक अरब से भी ज्यादा लोग सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं !यह सच हैं कि दुनिया का हर छठा व्यक्ति आज सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा हैं ! वर्तमान में यह सोशल मीडिया लोगो की स्वतंत्र अभिव्यक्ति का माध्यम बन गया हैं !
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं ! वह दुसरो के साथ संवाद स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहता हैं ! लेकिन वर्तमान के तकनीकी युग में इसका सबसे आसान तरीका सोशल नेटवर्क साइट्स जैसे फेस बुक ट्विटर हैं जो आज हमारे युवा वर्ग व बच्चों के लिए प्राथमिक जरुरत बनता जा रहा हैं ! आज राजनीतिक पार्टियाँ भी अपना प्रचार इन सोशल साइट्स के जरिये ही कर रही हैं ! किसी भी घटना विशेष की जानकारी इन सोशल साईट्स के जरिये ही पल भर में मिल जाती हैं ! सोशल मीडिया का उपयोग करने वालो की संख्या विश्व में तेजी से बढ़ रही हैं ! इसका प्रभाव भी लोगो के आपसी व्यवहार ओर संबंधों के बदलाव के रूप में साफ़ दिखाई दे रहा हैं ! मेरा ये मानना हैं कि जहा सोशल मीडिया ने सकारात्मक भूमिका अदा की हैं वही पर इसके नकारात्मक प्रभाव भी देखे जा सकते हैं ! देखा जाये तो बाबा राम देव तथा अन्ना हजारे के आन्दोलन को सोशल मीडिया के समर्थन से भरी जनसमर्थन मिला हैं ! दिल्ली में हुए गैंग रैप कांड में जागरूकता फैलाने में सोशल मीडिया ने प्रमुख भूमिका निभाई हैं ! आने वाले चुनाव में जनमत विकसित करने में सोशल मीडिया की प्रमुख भूमिका र रहेगी ! ! आज सोशल मीडिया ने युवा वर्ग को बहुत प्रभावित किया हैं ! नेटवर्किंग की सभी साइट्स युवाओं के लिए उपयोगी साबित हो रही हैं ! फेस बुक और ट्विटर खबर देने और बिना देरी के सूचना प्राप्त करने में अहम् भूमिका निभा रही हैं ! ये सोशल नेटवर्किंग एक दुधारी तलवार की तरह हैं ! एक तरफ ये युवाओं के लिए नई जानकारी का स्रोत हैं तो दूसरी तरफ ये युवाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से भी प्रभावित कर रही हैं ! फेस बुक और ट्विटर को नशीले प्रदार्थो की तरह व्यसनकारी पाया गया हैं ! जहा पर देखो वही पर हर आयु वर्ग के लोग मोबाइल पर व्यस्त दिखाई देते हैं ! देखा जाये तो सोशल मीडिया की वजह से ये एकाकीपन के शिकार हो गए हैं ! अपने परिवार और अपनों से अलग होते जा रहे हैं जो उचित नहीं हैं ! इनका समाज और परिवार के प्रति प्रेम कम होता जा रहा हैं ! सोशल नेटवर्किंग की वजह से युवाओं में मानसिक अवसाद और आत्म हत्या भी निरंतर बढती जा रही हैं ! साइबर अपराधों को भी बढ़ावा मिला हैं ! समय की बर्बादी ओर स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं ! युवा वर्ग ने इस सोशल साइट्स पर अपने आप को सीमित कर लिया हैं ! माता पिता को बच्चों को सोशल साइट्स का उपयोग करने में समय निर्धारित करना होगा तथा व्यवहार पर नजर रखनी रखनी होगी कि पर अपने परिवार और अपनों से अलग तो नहीं हो रहे हैं !शोध बताते हैं कि छेड़छाड़ और बलात्कार की घटनाओं के पीछे पोर्नोग्राफी साहित्य तथा मोबाईल का बड़ा योगदान हैं ! सोशल मीडिया का दुरुपयोग होता हैं तो इससे भारतीय समाज और संस्कृति को बड़ा खतरा खड़ा होगा ! हमारे देश के भावी कर्णधार युवा वर्ग सोशल साइट्स की वजह से हो रहे हैं !समय रहते हुए सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव पर अंकुश लगाना होगा ! नहीं तो युवा पीढी के भविष्य को सही दिशा नहीं मिल सकेगी
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