महिला उत्पीडन

महिला  उत्पीडन

इन दिनों हम देख रहे है कि महिलाओ के प्रति दिन ब दिन अपराध बढ़ते जा रहे है ! इसके लिए केवल सख्त कानून बना देने से ही काम नहीं चलने वाला हमे समाज और समाज के लोगो की सोच को भी बदलना होगा ! समाज के स्तर पर मानसिकता बदलने की जरुरत है ! पुरुष वर्ग की सोच बदलने की जरुरत है कि वो स्त्री को मात्र भोग की वस्तु  नहीं समझे बल्कि उसे उचित हक़ और सम्मान भी दे जिसकी वो हकदार है पुरुषो की यह सोच कही तालिबान की शक्ल में तो कही खाप पंचायतो की शक्ल में दिखता है !छोटी बच्चिया  लगातार हिंसा का शिकार बनती जा रही है ! दुराओङ्गे !चार करने वाले ज्यादातर युवा वर्ग हे होता है इसलिए युवाओ को भी अच्छे संस्कार देने होने उन्हें  अब केवल चिंता से काम नहीं चलेगा समाज के लोगो को चिंतन करने की जरुरत है जिससे महिलाओ के प्रति बढ़ते अपराधो में कमी आ सके !ऐसे अपराधो को रोकने के लिए सबसे ह देनी होंगी !अच्छी पहले टीवी कार्यक्रमों ,विज्ञापनों और इन्टरनेट पर चल रही अश्लील साईटो पर शिकंजा कसना होगा ! समाज और परिवार को अपनी भूमिका निभानी होगी !बच्चो में अच्छे संस्कार डालने होंगे ताकि ऐसे  अपराधो में आगे जाकर कमी आआज  सके !नारी की सुरक्षा हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है ! आज समाज में नेतिक मूल्यों की स्थापना पर जोर दिया जाना चाहिए ! इससे ही पुरुषो की मानसिकता बदली जा सकती है ! महिलाओ के प्रति अपराध के मामलो मै त्वरित कारवाई होनी चाहिए ! बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार  को भी ठोस कदम उठाने की जरुरत है ताकि वो दुष्कर्म का शिकार न हो ! आज फिर रजा राम मोहन रॉय ,  स्वामी दयानन्द  सरस्वती जैसे जनजागरण करने वाले महापुरुषों जैसे लोगो की  जरुरत है जो समाज में नातिक मूल्यों को स्थापित कर सके एक बदलाव ला सके !वर्तमान में समाज मैं सही दिशा देने वाले नेताओ की कमी खल रही है !
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