माँ तुमारी याद आती है !

  माँ  तुमारी याद आती है  !
माँ होती है अनमोल  , लाख जतन करले चाहे  वो
 ईश्वर  हो  ही  नहीं सकता माँ   जैसा
माँ के स्पर्श से गहरा दुःख दूर हो जाता   !
माँ का भोलापन  याद आता है 
माँ की व्याख्या केवल माँ है  
आगे बढ़ने से   डरती  हू ,   कही  चुक न जाऊ  
 लेकिन माँ  तुम्हारा   हाथ  थामना  याद  आता है
 माँ तुमने  मुझे  सत्य के  मार्ग पर  चलना   सिखाया
 समंदर  से भी  गहरा माँ  का  प्यार 
सरलता  और   समर्पण  की  मूर्ति   हो  माँ  तुम
 त्याग समर्पण की   मिसाल   हो माँ तुम
 माँ तुमारी याद आती है !!
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1 comments:

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Unknown
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3 June 2013 at 02:27 delete

अति उत्तम !

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