असुरक्षित बच्चे

असुरक्षित बच्चे

आज  हम देखते है कि  देश और समाज में  बच्चे सुरक्षित  नहीं है !  मासूमो पर अत्याचार बढ़ रहे है !  देश में  हर साल लापता हो रहे बच्चों की संख्या बढ़ रही है ! बच्चों से बाल श्रम  करवाया जाता है ! सड़क किनारे  ढाबे  और  फक्ट्रियो  में  कितने ही बच्चे मजदूरी करते नजर आते है  ! बच्चों की स्थिति बेहद ख़राब होती जा रही है ! सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद चाइल्ड लेबर पर रोक नहीं लग पा  रही है !  केंद्र और राज्य  सरकार  दोनों ही ने बाल  श्रम  मुक्ति के किये कई सख्त कानून बनाये  पर इन कानून  प्रावधानों के अवेहलना हो रही है ! बच्चो की सुरक्षा के लिए बने कानून केवल कागजी है !   चाइल्ड लाइन की तरफ से  जारी  की गई एक रिपोर्ट  के अनुसार  पिछले वर्ष गलत क्षेत्र  से 46  बच्चो को  चाइल्ड  लेबर से रेस्क्यू करवाया गया ! बच्चो का शारीरिक शोषण हो रहा है  !   लोग अपने तुच्छ स्वार्थो की पूर्ति के लिए  बच्चो को अपहरण का शिकार बना रहे है !  बच्चों को यौन दुराचार  , बालश्रम  जैसे घिनोने  कृत्यों का शिकार बनना पड़ता है ! चाइल्ड लाइन इंडिया फ़ाउंडेशन देश भर  में संचालित की जा रही है !  इसके तहत 18  साल तक के बच्चो की मदद की जाती  है ! बाल श्रम  रोकने के लिए ग्राम पंचायतों . एन जी ओ ,सामाजिक संघठनो  और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद लेनी चाहिए ! क़ानूनों की प्रभावी  पालना से सक्रिय और सकारात्मक परिणाम आ सकते है ! प्रत्येक थाने  में चाइल्ड हेल्प डेस्क की स्थापना ही की  जानी चाहिए ! राज्य बजट में  बच्चों के लिए प्रावधान किये जाने चाहिए ! समाज को भी जागरूक होने की जरुरत है ताकि बच्चों पर  शारीरिक और मानसिक अत्याचार नहीं हो पाए ! बाल शोषण रोकने के लिए जन चेतना भी बहुत जरूरी है !  बाल श्रमिकों की पुनर्वास पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए
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