दुर्गा शक्ति नागपाल
आजकल हर ओर दुर्गा शक्ति नागपाल की चर्चा है । उनका काम भी बेहद सराहनीय है । अवैध खनन करने वाले सरकारी भाटों के लिए दुस्वप्न बन चुकी दुर्गा ने वो कारनामा कर दिखाया जो बरसों तक याद किया जाने योग्य है ! दुर्गा नागपाल आई पी एस अधिकारी निलंबन से पहले नोएडा की एस डी एम थी ! जब वे इस पद पर आई थी तो खनन माफिया के खिलाफ उन्होंने एक महीने में दो दर्जन से ज्यादा चालान कटवाए थे !वे उनके डम्पर और जे सी बी जब्त कर लेती थी !कई अवैध पुल भी उन्होंने ध्वस्त करवाए थे ! उनकी इस कारवाई से हडकंप मचा हुआ था ! अवैध कारोबार को रोकने के ईनाम स्वरुप यू पी की सरकार ने इस अधिकारी को यह कहकर निलंबित कर दिया कि नोएडा के गाँव में उन्होंने एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिरा दी ! मस्जिद का निर्माण एक निजी जमीन पर हो रहा था जिसकी कोई अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी !क्या ये नारी के स्वाभिमान से जुड़ा विषय नहीं है । विशिष्ट परिवार में जन्मे अखिलेश को क्या अधिकार है किसी विदुषी महिला को बेवजह परेशान करने का ? क्या यही है समाजवाद ?
इस पूरे प्रकरण में मुस्लिम समुदाय समेत, जिलाधिकारी की रिपोर्ट सब कुछ दुर्गा के समर्थन में हैं । इस सबके बावजूद अखिलेश का दुर्गा को दोषी ठहराना उनकी कुत्सित मानसिकता का परिचायक है दुर्गा शक्ति पंजाब candar की आई ए एस हैं उन्हें इलाके में एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाने लगा था ! उन्होंने एक विशेष उड़न दस्ता बनाया था जो अवैध खनन को रोकता था ! गौरतलब हैं कि मार्च 2012 में अवैध खनन को रोकने में लगे आई पी एस वीरेंदर कुमार की तो एम पी में हत्या कर दी गई थी ! ऐसे में आईएएस जैसे बड़ी नौकरी को दांव पर लगाना तो बड़ी हिम्मत की बात है । दुर्गा शक्ति नागपाल एक ऐसा नाम जो इस समय सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के बुद्धजीवियो की जुबान पर है। दुर्गा के मामले की जहां परत दर परत खुल रही है, वहीं सत्ता के गलियारे से लेकर सड़क तक पर उनके समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वह लोगों की पसंद बन चुकी हैं। उनके नाम से फेसबुक पर करीब दस से ज्यादा पेजे बना दिए गए हैं।
आजकल हर ओर दुर्गा शक्ति नागपाल की चर्चा है । उनका काम भी बेहद सराहनीय है । अवैध खनन करने वाले सरकारी भाटों के लिए दुस्वप्न बन चुकी दुर्गा ने वो कारनामा कर दिखाया जो बरसों तक याद किया जाने योग्य है ! दुर्गा नागपाल आई पी एस अधिकारी निलंबन से पहले नोएडा की एस डी एम थी ! जब वे इस पद पर आई थी तो खनन माफिया के खिलाफ उन्होंने एक महीने में दो दर्जन से ज्यादा चालान कटवाए थे !वे उनके डम्पर और जे सी बी जब्त कर लेती थी !कई अवैध पुल भी उन्होंने ध्वस्त करवाए थे ! उनकी इस कारवाई से हडकंप मचा हुआ था ! अवैध कारोबार को रोकने के ईनाम स्वरुप यू पी की सरकार ने इस अधिकारी को यह कहकर निलंबित कर दिया कि नोएडा के गाँव में उन्होंने एक निर्माणाधीन मस्जिद की दीवार गिरा दी ! मस्जिद का निर्माण एक निजी जमीन पर हो रहा था जिसकी कोई अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी !क्या ये नारी के स्वाभिमान से जुड़ा विषय नहीं है । विशिष्ट परिवार में जन्मे अखिलेश को क्या अधिकार है किसी विदुषी महिला को बेवजह परेशान करने का ? क्या यही है समाजवाद ?
इस पूरे प्रकरण में मुस्लिम समुदाय समेत, जिलाधिकारी की रिपोर्ट सब कुछ दुर्गा के समर्थन में हैं । इस सबके बावजूद अखिलेश का दुर्गा को दोषी ठहराना उनकी कुत्सित मानसिकता का परिचायक है दुर्गा शक्ति पंजाब candar की आई ए एस हैं उन्हें इलाके में एक ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाने लगा था ! उन्होंने एक विशेष उड़न दस्ता बनाया था जो अवैध खनन को रोकता था ! गौरतलब हैं कि मार्च 2012 में अवैध खनन को रोकने में लगे आई पी एस वीरेंदर कुमार की तो एम पी में हत्या कर दी गई थी ! ऐसे में आईएएस जैसे बड़ी नौकरी को दांव पर लगाना तो बड़ी हिम्मत की बात है । दुर्गा शक्ति नागपाल एक ऐसा नाम जो इस समय सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर के बुद्धजीवियो की जुबान पर है। दुर्गा के मामले की जहां परत दर परत खुल रही है, वहीं सत्ता के गलियारे से लेकर सड़क तक पर उनके समर्थन में आवाजें उठ रही हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वह लोगों की पसंद बन चुकी हैं। उनके नाम से फेसबुक पर करीब दस से ज्यादा पेजे बना दिए गए हैं।
दुर्गा शक्ति नागपाल कम्युनिटी, दुर्गा शक्ति नागपाल पब्लिक फिगर,
दुर्गा शक्ति नागपाल ग्रुप और सप्पोर्ट दुर्गा शक्ति नागपाल जैसे पेजों से
फेसबुक अटा पड़ा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि दुर्गा की इमानदारी युवाओं
को कितना आकर्षित कर रही है।
हां इस प्रकरण से हमारे लोकतंत्र
के नैतिक स्तर का पता अवश्य लग गया । उस जिसमें
भ्रष्टाचारी सत्ता चलाते हैं और ईमानदार अधिकारियों को अपना काम करने की
सजा मिलती है ।ये प्रकरण हर स्तर पर बहुत सारे संदेश दे रहा हैं !
सपा अल्पसंख्यक वोटरों में यह संदेश देना चाहती है कि मस्जिद की दीवार अगर
गैरकानूनी तरीके से गिराई गई तो वह अल्पसंख्यकों के लिए किसी भी संघर्ष के
लिए तैयार है। वहीं कांग्रेस आईएएस लॉबी के साथ-साथ जनमानस में यह संदेश
देने की कोशिश कर रही है कि वो इस मामले में न सिर्फ दुर्गाशक्ति के साथ
खड़ी है बल्कि किसी भी 'अप्रिय' स्थिति का सामना करने को भी तैयार है।
यानी, अब इस लडाई में दुर्गा को सोनिया की शक्ति मिल रही है तो मुलायम इसे
यूपी बनाम केंद्र की लड़ाई बनाने में कसर नहीं छोड़ेंगे।
महिला शक्ति का जागरण राष्ट्र के लिए
शुभ संकेत है । गौरतलब है कि तमाम विरोधों को सहते दुर्गा ने वो कारनामा
कर दिखाया है जो बरसों तक याद किया जाएगा
4 comments
Write commentsmahila shakti ki jay..
Replythanx a lot tushar ji apko apne mera article apne blog buletin mai lagaya regards
Replythanx mukesh ji regards
Replyregards madan ji jarur
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