महिला सशक्तीकरण
नारी कल भी महान थी आज भी महान है ! बहुत से ऐसे उदाहरण है जिनसे ये प्रतीत होता है कि भारत के विकास के लिए आदर्शवादी ना रियो ने अपनी क्षमता और योग्यता का परिचय दिया ! वर्तमान समय में महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रो में उसे प्रशासनिक खेल राजनीति और विज्ञान ले क्षेत्र मैं अपना लोहा मनवा चुकी है ! नारी कमजोर नहीं है अबला नहीं है वह शक्ति है पर्याय है ! नारी शुरू से ही पुरुष को दिशा और बल प्रदान करती आ रही है !नारी के त्याग बलिदान और समर्पण के कारण ही प्राचीन भारत संपन्न और विकसित था !लेकिन आज के युग में हम देखते है कि नारी जिस सम्मान की हक़दार है उसे नहीं मिला ! पुरुष की सोच नारी के प्रति अति संकीर्ण होती जा रही है ! पुरुष की सोच में नारी सिर्फ भोग की वस्तु रह गई है ! वर्तमान सामाजिक परिस्थतियो को देखते हुए कहा जा सकता है कि इससे अच्छा भारत तो प्राचीन भारत का था जो मत्रसत्तामक था ! समाज में नारी का रूप कितना विकृत कर दिया है !संवेदनशील ना रियो से अभद्र व्यवहार दुष्कर्म की घटनाएँ एक पाशविक कृत्य है ! एक समय वो भी था जब एक भारतीय नारी ने ऋग्वेद में सूक्तो की रचना की थी ! केकयी ने दशरथ के साथ युद्ध मैं भाग लिया था ! हर कदम पर लडकियों को बहार जाने से रोक जाता है !लड़का कुछ भी कर सकता है लड़की करे तो सो सवाल खड़े हो जाते है !लड़का वर्जनाओ को तोड़ता है तो उस पर ढ धयान नहीं दिया जाता है !लड़की करती है तो उसे अपराधी बना दिया जाता है ! स्त्री की अपनी सत्ता है जिसको पुरुष प्रधान सत्ता तय नहीं कर सकता ! एक लड़की को सपने देखने का पूरा अधिकार है ! वह फैसला खुद करेगी की उसे क्या करना है क्या नहीं ! महादेवी वर्मा ने कहा था कि '' स्त्री हर तरह से जकड़ी हुई है उसको आजाद होना होगा उसे बन्धनों को तोडना होगा !
यह सच है कि आज भी भारत के कई हिस्सों मैं महिलाओ के साथ निर्लज्ज तरीके से छेड़ खानी भी की जाती है ! नारी देश की अधि आबादी है लेकिन शिक्षा केअभाव मे कई क्षेत्रो में नारी शिशन और उत्पीडन का शिकार हो रही है !उसे प्रताड़ित किया जाता है मानसिक यंत्रणा दी जाती है !आज नारी की शालीनता और गरिमा के साथ खिलवाड़ किया जाता है ! पंजाब में बड़े पैमाने पर कन्या भूर्ण हत्या हो रही है !हरियाणा पर अपना जीवन साथी चुनने वाली लड़कियों पर तो कहर बरसा है !कश्मीर में महिलाओ द्वारा बुर्क़ा पहनने की मांग की जाती है शहरी मध्य वर्ग में आज भी दहेज़ प्रताड़ना जैसी घटनाएँ हो रही है !इन सबसे यह साफ़ हो जाता है कि कब तक समाज लड़कियों को उनकी सुरक्षा के नाम पर दबाता रहेगा !लड़कियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर नेताओं के बयान आना अनुचित है !एक और तो हमारी सरकार बाल विवाह पर अंकुश लगाने की बात कर रही है !पर दूसरी और लड़कियों की शादी जल्दी करने सम्बन्धी बयान नेता दे रहे है ! में यह मानती हुं कि पुरुष स्त्री की भोग की वस्तु नहीं समझे !उसे भी समाज में पूरा मान सम्मान पाने का हक़ है परिवर्तन के इस दौर में नैतिक मूल्यों का हास बड़ी तेजी से हुआ है !लज्जा ही सदाचार को बनाये रखती है ! और उसी से व्यक्ति मर्यादा में रहता है ! पर आज के इस युग मैं देखे तो लगता है कि मनुष्य निर्लज होता जा रहा है ! नौकरी के यौन शोषण ने उसे अपनी ही नजरो में गिर दिया ! हर मुकाम पर महिला के साथ अत्याचार बलात्कार और वो भी समर्थ लोगो द्वारा किसका दिल नहीं पिघलेगा भरेगा ! लगता है नारी एक अभिशाप है यही सच है ! आज जो भूर्ण हत्या होती है एक घोर पाप है ! दरिंदगी है ! इस कृत्य से खुद सभ्य समाज की महिलाएँ जुड़ीं हुई होती है आज पुरुष का नारी के प्रति व्यवहार भी बदल गया है ! उसके व्यवहार में पिछले कुछ वर्षो में गिरावट आई है ! !!खुद स्त्री को भी आत्म निर्भर और मजबूत बनने की जरुरत है तभी सही मायने में महिला सशक्तीकरण करना होगा !सरकार को भी महिलाओ की सुरक्षा के बारे में विचार करने की जरुरत है !शायद महिलाएं भूल गयी है संगठन मे शक्ति होती है ! हमारे देश की महिलाओ को भी संघठित होकर अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाने की जरुरत है !महिलाओ को गलत शोधक पुरुषों को सुधारना होगा और ये कोई मुश्किल कार्य नहीं है !स्त्री चाहे तो समाज व समाज के लोगो मे बदलाव ला सकती है !एक समय था जब परिवार समाज महिलाओ की रक्षा करता था आज ये ही दायित्व महिला आयोग का है ! आज महिलाओ की असुरक्षा बढती जा रही है आए दिन उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएँ घटती रहती है आज लड़कियों और महिलाओ को नारी को देश की आधी आबादी माना जाती है ! समाज और देश के आगे बढ़ाने मे नारी का पूरा योगदान होता है !और अगर हमे देश और समाज को सशक्त बनाना है तो नारी जाति को सशक्त बनाने की बहुत जरुरत है !एक महिला अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देती है और यही बच्चे हमारे देश के भावी कर्णधार है ! परिवार के सदस्यों को एक नारी नैतिकता का पाठ पढ़ा कर उनके चरित्र को उन्नत बनाये रखती है ! एक नारी की अपनी सभ्यता और संस्कृति को बनाये रखने मे बहुत बड़ी भूमिका होती है ! यह सवाल उठ रहा है कि क्या पत्नियों को पति की कमाई से हिस्सा मिलना चाहिए ! महिलाओ को सशक्त बनाने की दिशा मे सरकार का एक मंत्रालय महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक अहम पहल करने का मन बना रहा है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय की यह कोशिश अगर परवान चढ़ी तो बहुत जल्द आपको पत्नी को घरेलू कामकाज के लिए प्रतिमाह वेतन का भुगतान करना पड़ेगा। इस प्रस्ताव के कानून बनते ही हर पति को अपने पत्नी को हर महीने एक तय तनख्वाह देना क़ानूनन अनिवार्य हो जाएगा !अगर सरकार ऐसा करती है तो क्या इससे महिलाओं का सशक्तिकरण होगा या फिर पति और पत्नी के रिश्तों में भावनात्मक लगाव कम होगा।पत्नी को पति के वेतन का कुछ हिस्सा पाने का हक़ है ! अगर ऐसा हुआ महिला सशक्त होगी सामाजिक और आर्थिक रूप से सबल होगी ! उनके मन से डर खत्म होगा कि वो कुछ नहीं कर सकती है ! घरेलू श्रम का मान होगा !अश्लील एस एम एस पर सरकार ने जो कानून बनाया है वो सही है !इससे महिलाओ के बढ़ते उत्पीडन पर लगाम लगेगी ! महिलाओ को आत्म निर्भर बनने की जरुरत है तभी महिलाएँ सही अर्थ मे सशक्त बनेगी ! नारी को अपने स्वरूप को पहचानना होगा ! नारी ही समाज को धर्म संस्कृति और पहचान देती है ! नारी की अत्यधिक महत्वकंशाओ का दोहन हो रहा है ! नारी के संस्कार बच्चों में आते है !और बच्चे ही भारत का भविष्य है !बच्चों को गुण वान और चरित्र वान बनाना भी नारियो को कर्त्तव्य है ! पुरुष प्रधान समाज को प्रधानता भी नारिया ही देती है ! सांस्कृतिक परम्पराओं को कुछ समय के लिए बदलना भी चाहिए !बिहार मे लड़कियों को स्कूल भी उत्साह के साथ भेजा जाने है मे यह मानती हु कि पाश्चात्य संस्कृति अपनाने के कारण नारी अपनी पहचान खोटी जा रही है ! और इसका परिणाम उसकी दुर्बलता के रूप मैं सामने आता है ! महिला संगठन भी महिलाओ के ऊपर हो रहे अत्याचारों के प्रति गंभीर नहीं है ! हमारे समाज के पुरोधा कहते है कि लड़कियों की शादी जल्दी कर दो सुधर का कोई और तरीका उन्हें नजर नहीं आता ! महिला आयोग बड़े लोगो के विरुद्ध कोई कठोर कदम नहीं उठा पता है ! नेताओं के लिए बलात्कार शब्द भी राजनीति से प्रेरित लगता है !
स्त्रियों की विकास और नोक रियो मे ज्यादा भागीदारी होनी चाहिए तभी देश और समाज सही अर्थों मे विकास कर पायेगा ! क्युकी एक नारी की अपनी सभ्यता और संस्कृति को बनाये रखने मे बहुत बड़ी भूमिका होती है !समाज में नारी जाति के विकास के लिए समुचित प्रयास किया जाना चाहिए ताकि वो होंसले और आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़ सके ! नारी जाति के विकास से ही भारत अपनी प्रतिष्ठा सम्मान और गौरव को पुनः प्राप्त कर सकता है ! नारी जगी तो संसार जागा सरकार को नारियो के लिए एसी योजनाएँ बनानी होगी जिससे नारी सशक्त हो ! ये कैसा है जहा आज भी आधी आबादी पर एकतरफ़ा फैसले थोपे जाते है ! महिलाओ की स्थति को बेहतर बनाने के लिए महिलाओ को राजनीति मे आगे आना ही चाहिए तभी महिलाओ के प्रति बढ़ते दुष्कृत्यो मे कमी आएगी ! और महिलाए सशक्त बनेगी !
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