स्त्री मेरी एक कविता

   स्त्री      मेरी एक कविता                        
                              
 नारी  क्या है 
दैवी है  शक्ति है
सबला है
सौंदर्य  का सार 
अलोकिक है
दिव्य  है समर्पिता है
सेवा भावी  , त्यागी है !
नारी महान  है दुखों को
हरने  वाली .
स्त्री एक  मुस्कराहट है !
नारी का हर रूप
इतना सशक्त है
मै शब्दों मे
बयान नहीं कर सकती !
स्त्री आने वाली कल की
संभावना है !
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