अपनी बात


         अपनी बात

एक आदमी का निर्माण किसी के सहारे  या  सुविधाओं से नहीं बल्कि बाधाओं और विपत्ति यों से होता है ! मेरे  जीवन की शुरुवात से हे मुझे कई  मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन मैंने  हार  नहीं  मानी !मेरे पिता ने  मुझे बचपन से ही  ईमानदारी और  सत्य निष्ठा  जैसे गुण दिए !मेरे पिता ने कभी गलत बात सहन  नहीं करी और न ही कभी मूल्यों से समझौता किया ! मेरे पिता ने ही मुझे सिखाया की हमे दूसरे धर्मों का भी आदर करना चाहिए  मै  यह मानती हु की जिस देश  में  महिलाओ की इज्जत की जाती है वो  देश सही मायने मे  तरक्की करता है ! सम्मान पाना महिलाओ का हक़ है ! आप  देख लीजियेगा  जिस देश मे ओरतो  की  क़द्र   नहीं होती वे हमेशा गर्त मे  जाते है और परेशानियों से जूझते रहते है ! मेरे ज़िंदगी के सफ़र  में बहुत दिक्कतें आई  लेकिन मैंने पूरा संघर्ष किया और जीवन के मार्ग पर  हँसते हँसते  बढती चलती गई सबका प्यार और आशीर्वाद मुझे मिला तो मेरे मन को बहुत  ख़ुशी  महसूस हुई ! और  धीरे मुझे वो सब मिलता  गया   जिसके बारे मे  मैंने कभी नहीं  सोचा था ! मन  मे  एक  संकल्प  लेकर  चली और द्रढ़ता   रखी !  ये सब     चीजें   पे करती है !   मै  हमेशा    अपने नैतिक मूल्यों  के साथ जीती रही उनको  कभी नहीं छोड़ा  और  इन मूल्यों  ही मुझे कठिन परिस्थतियो  मे भी बनाये रखा ! ये मेरे जीवन की सच्चाई है जो मैंने आपके सामने  रखी  और यही मेरे जीवन की सार्थकता है और सम्पूर्णता भी इसी से है !

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