राह दिखा गई निर्भया

राह दिखा  गई निर्भया

दामिनी  हमेशा के लिए सो  गई  लेकिन  वो भारत देश के लोगो को एक राह दिखा गई  ! निर्भया एक वीरांगना थी  ! निर्भया   तो उसे दिया गया नाम था  उसका असली नाम छुपाने की क्या जरुरत थी  ? निर्भया  हमारे लिए उसी तरह प्रेरणा का स्रोत है  जिस तरह लक्ष्मी बाई या दुर्गा बाई  है!  निर्भया  का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए ! अगर  निर्भया  के साथ न्याय देर से होता है तो यह भी एक  अन्याय ही है ! क्यों दिल्ली के बाद भी ऐसी  घटनाओ को नकारा  जा रहा है ! देखने मैं आया है कि  कई जगह आरोपियों का बचाव करने मैं ही पुलिस पीड़िताओ  के राह की बाधा बन रही है ! समाजशास्त्रियो की माने  तो बलात्कार के कई मामलो में पीडिता का दैहिक शोषण उसके अपने परिवार वाले ही करते है ! जब से दामिनी का मामला सामने आया है कई जगह पर पीड़ित और परिजन न्याय की गुहार लेकर जनप्रतिनिधियों और  न्यायालयों तक पहुचे है ! आज  अत्याचार और बलात्कार तेजी से देश मैं बढ़ रहे है ! निर्भया के साथ जो हुआ वो निंदनीय है ! निर्भया की अन्तेष्ठी  निर्भयता पूर्वक की जाती तो बलात्कार के विरुद्ध सारे  देश का संकल्प अधिक द्रढ़ होता ! मानो निर्भया का बुखार  जल्दी ही उतरता जा रहा है लेकिन जनता के मौन मै छिपा आक्रोश निरंतर बढ़ता जा रहा है ! जो निर्भया को न्याय जरुर दिलाएगा ! अब लोगो को किसी की जरुरत नहीं है जरा सी चिंगारी दिखनी चाहिए वो अपने आप उठ खड़े होंगे ! नई  दिल्ली में हुए गैंग रैप के प्रकरण के बाद जिस तेजी से महिलाओ के साथ दुराचार के मामले सामने आ रहे है उनसे  सिद्ध होता है कि आधी आबादी खुद पर होने वाले अत्याचार को चुप  बनकर सहने वाली नहीं है ! ग्रामीण महिलाए हो या शहरी महिलाए खुद पर होने वाले इन बर्बर आक्रमणों का जवाब देने के लिए वो कानून का सहारा लेने लगी है !  बलात्कार के बाद पीड़िता आत्म ग्लानी से भर जाती है उसके मन में आत्म हत्या का विचार भी आता है  उसके लिए वो स्वयं दोषी नहीं है ऐसे में दुष्कर्मियो के खिलाफ क़ानूनी करवाई कर  पीडिता को जल्दी से जल्दी न्याय दिलाना महतवपूर्ण होगा !  इस प्रकरण ने देश मैं एक अलग प्रकार की जागरूकता पैदा की है !   महिलाओ को आर्थिक और सामाजिक  रूप  से बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए  सरकार  को  कड़े कदम उठाने होंगे  ! महिलाओ को भी एकजुट होकर सक्रिय होना पड़ेगा ! जिस देश में  नारी की पूजा होती है  वही  पर नारी की ये  दुर्दशा होती है शर्म आती है ! एक तरफ तो हम कहते है बेटी बचाओ और दूसरी तरफ बेटियों को नोच खा रहे है ! सत्ताधारी भी अपराधियों को सजा दिलाने के बजाय बचाने  में जुट जाते है ! गैंग  रैप का श्रेय उनको भी जाता है जो न्यायाधीश जान बुझकर  आखे बंद कर लेते है  ! हर ऐसे अपराध को हाशिये पर नहीं डालना चाहिए !
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