बेटी एक मुस्कान

     बेटी एक  मुस्कान


 मैं  बेटी हु
 मुझे इस दुनिया में आने दो  
  माँ अपनी गोदी  का सुख पाने दो
माँ तुम्हारी लोरी  सुननी  है
मुझे भी खुले आसमान  में उड़ने दो
एक आजाद  परिंदे  की तरह
मुझे भे एक अवसर दो ,
 मैं बेटी हु आपका नाम इस जहान
मैं रोशन करुँगी !
मैं उम्मीद  हू , ज्योति हु
रौशनी हु  , लक्ष्मी हु
मुस्कान  हू  परिवार की
मुझे कोख में मत  मारो  अब तो
बाहर आने दो
रब की रजा से ही तो है बेटिया 
 अभिशाप नहीं ये नेमत है खुदा की
नसीब  जगाती  है  बेटिया

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