असुरक्षित नारी

                               असुरक्षित नारी

 नारी हमारे देश की आधी आबादी मानी जाती है ! शास्त्रों  मे नारी को पूजनीय बताया गया है! आज  महिलाए हर क्षेत्र मैं काम कर रही है !चाहे वो   राजनीति या सामाजिक कार्य का !  सबसे बड़ी बात तो यह है कि  वर्तमान  में महिलाए  केंद्रीय मंत्रिमंडल मैं शामिल है फिर भी महिलाओ के प्रति  अपराध बढ़ते जा रहे है !गरीब महिलाए आज  भी उपेक्षित है उनकी कही सुनवाई नहीं होती है ! आज हमारा देश चाहे कितनी हे तरक्की कर ले  लेकिन  आज  भी महिलाओ के साथ बदसलुकी की घटनाए  देखने को मिलती है उनका शोषण किया जाता है अंत मे वो आत्म हत्या   करने पर मजबूर हो जाती है और उस पर भी सारा दोष उसी पर ड़ाल  दिया जाता है और उसे चरित्रहीन होने की संज्ञा दी जाती है जबकि पुरुष उसकी इस हालत का पूरा जिम्मेदार होता है ! दिल्ली में  हुई घटना हम सबके लिए चुनोती है ! कठोर दंड का अभाव  और पुलिस व  प्रशासन की निष्क्रियता इसकी  वजह है ! समाज में  नेतिकता का स्टार निरंतर  गिरता जा रहा है ! युवा दिशा भ्रमित होते जा रहे है ! नेतिक मूल्य इस समय तेजी से रसातल की और चले जा रहे है  ! बेहतर भविष्य बनाने के लिए देश की नाजुक परिस्थतियो को बदलना होगा ! तभी  ऐसे  अपराध रुक सकेंगे और   भारतीय संस्कृति का सम्मान बना रहेगा ! !लेखक और बुद्धिजीवी वर्ग के सामने ये बहुत बड़ी चुनोती है  !  यह सभी  घटनाए  सशक्त कानून के अभाव  का परिणाम है ! स्त्री के अपमान की घटना घटी  वह मूल्यों में गिरावट की पराकाष्टा है ! जिस देश में नारी की पूजा होती है वही पर कन्या भूर्ण हत्या हो रही है ! बहुओ को दहेज़ के लिए जला  दिया जाता है ! हमारे मूल्य क्या हो गए है माँ और स्त्री का सम्मान नहीं कर  पा  रहे है ! हमारी  मानसिकता  में  बदलाव की जरुरत है ! नारी की अस्मिता की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है  ! हमे  सुसंस्कारित  पीढ़ी के निर्माण में अपना योगदान देना होगा ! 
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