अरमान

                                                               अरमान
बांधो मत तुम इन अरमानो को, नीरा ,
इन्हें खुले आसमां मे उड़ने दो ..
हजारो सपनो को संजोये
मेरे इन अरमानो को खुली हवा
मे रहने का अधिकार तो मिले फिर
क्यू न उडू मै इस गगन
एक आजाद पंछी की तरह
मुझे भी खुली हवा मे सांस लेना है
मे भी जीना चाहती हु
अपनी एक पहचान के साथ
एक उम्मीद के साथ
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Unknown
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19 April 2013 at 05:31 delete

मुझे भी खुली हवा मे सांस लेना है,,,...

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