लिखने से मिलता है सुकुन

         लिखने से मिलता है सुकुन
मे लिखने को कभी अपने आप  से रोक नहीं पाई क्युकि लिखने से मुझे सुकून मिलता है या यू कहो की हालत की बेचैनियो ने  मुझे लिखना सीखाया !
आज   समाज मे जो कुछ भी महिलाओ और बच्चों की सामाजिक स्थिति  है उन सब बातो ने मुझे लिखने की प्रेरणा दी !आर मेरे  लिखने से किसी का हित होता है कोई सम्मान जनक  जीवन जीता है तो मे समझूंगी  मेरा लिखना  सार्थक हो गया ! समाज मे रोशनी की किरण  दिखाई देती है तो ये एक बहुत अच्छा  प्रयास है मेरे लिए !मे अपने मन की भावनाओ  को अपनी लेखनी के माध्यम से लोगो के सामने अभिव्यक्त करती हु ! मैं  निर्भीक रूप से अपने  लेखन को लोगो के सामने लाती   है ताकि सच लोगो  के सामने आये ! और लोगो की भलाई  हो ! मै सोचती हु की मेरे  लेखन से लोगो को प्रेरणा मिले और वो उत्साहित हो !अपने लेखन से हम लोगो की सोच  को बहुत हद तक बदल सकते है
छोटी से प्रेरणा और प्रोत्साहन किसी इन्सान के जीवन को सही दिशा दे देता है !मे चाहती  हु मैं अपनी लेखन मे महिलाओ के बारे मे बेजिझक  लिखू ताकि  उनकी समस्याओं के बारे मे लोगो को अवगत करा सकू ! यदि कोई नारी स्त्री की महत्ता को नहीं समझती है तो सही मायने मे वो जीवन को महत्व नहीं समझती !  क्युकि स्त्री आने वाले जीवन की नयी सम्भावना है !
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