संवेदना Unknown Wednesday, September 12, 2012 Unknown संवेदना क्या करू इन संवेदनाओ का इन अहसासों का जो मेरे दर्द को और बढ़ाते है जीवन मे खालीपन आ जाता है लोग हमदर्दी के दो बोल बोलकर न जाने मेरे हार के अहसास को ओर बढ़ा देते है ! Twitter Facebook Google Tumblr Pinterest Artikel Menarik Lainnya my hindi poems, तुमसे मेरा वजूद हैं ! मैं तुम्हे कैसे नकार सकती हू तुम मेरे आत्मा की गहराइयों में शामिल हो कविता बेटी तो कल है मेरी एक कविता जीवन पर &मंजिले अब दूर नहीं मंजिले अब दूर नहीं जिंदगी हैं आगे बढ़ने के लिए मंजिलो को पाने के लिए ! न थकने के ल अहसास &nदर्द कविता दर्द लिख रही हु प्रिय एक ओर ख़त तुम्हारे नाम धूप के अक्षर स्याही
EmoticonEmoticon